(अर्ध कुंभ, पूर्ण कुंभ और महाकुंभ का परिचय) सभी कुंभ मेले हिंदू धर्म के चार पावन तीर्थों- नासिक, उज्जैन, हरिद्वार और प्रयागराज में आयोजित होते हैं। इन स्थलों पर क्रमशः अर्ध कुंभ(6 साल में), पूर्ण कुंभ(12 साल में) और महाकुंभ (144 साल में) आयोजित होते रहते हैं। वास्तव में ये अपने […]
हिंदी है बिंदी भारत के भाल की।हिंदी भाषा आज करोड़ों लाल की।।🌷🌷आजादी की लड़ी लड़ाई,प्रबल एकता इससे पाई।सूर, बिहारी, तुलसी ने मिल,हिंदी की नित महिमा गाई।जगद्गुरू बन शान बढ़ाई,भारत भव्य विशाल की।।हिंदी भाषा…🌷🌷बैर हटाकर प्रेम प्रेम बढ़ाती,प्रबल एकता मंत्र सिखाती।राष्ट्रप्रेम की धुरी बनी ये,देश धर्म का ज्ञान कराती।भारत की गौरव-गाथा में,पैदा नई मिशाल की।।हिंदी […]
बोलो हिंदी माँ की जय जन-जन की मुखरित ये भाषा,माता रूप अभय।इसको शत-शत नमन करूँ मैं,होकर के निर्भय।।बोलो हिंदी माँ की जय।।🌸🌸रामचरित मानस में लिक्खे,तुलसी ने जो दोहे,पिता-पुत्र आदर्श बताकर,बीज प्यार के बोए।पवनचरित से भवबाधा का,हुआ दूर सब भय।।बोलो हिंदी माँ की जय।।🌸🌸राजनीति के हेर-फेर में,व्यर्थ में हिंदी पिसती,जनता सारी शोसित होकर,निशदिन चप्पल घिसती।कपट-कपाट नहीं […]
दिल्ली जैसी नगरी में संविधान संसद में रोता,दिल्ली जैसी नगरी में।अपने आदर्शों को खोता।दिल्ली जैसी नगरी में।। भाग्य रोज संसद में बनता,दिल्ली जैसी नगरी में।रोती देखी सारी जनता,दिल्ली जैसी नगरी में।। स्वारथ में जो बनता घोड़ा,दिल्ली जैसी नगरी में।करे काम नर दौड़ा-दौड़ा,दिल्ली जैसी नगरी में।। भाग-दोड़ नर करते देखे,दिल्ली जैसी नगरी में।दुख के मारे मरतेे […]
जब से घर आजा़दी आई।बढ़ी कुशासन की प्रभुताई।। जंगल राज शहर में आया,जिसे देख पशुता चकराई। बन्दी मोर, हंस पिंजड़ों में,कौवों ने किस्मत चमकाई। उपदेशक बिक रहे यहाँ पर,रंग गेरुआ करे कमाई। शोषक कुर्सी पाकर बैठे,राजनीति बन गई कसाई। कपटी गुरू, लालची चेला,दोनों मिल खा रहे मलाई। चंबल क्षेत्र हो गया खाली,संसद डाकू-दली बनाई। किसको […]