दोहा, चौपाई, कवित्त, कुंडलिया, मुक्तक आदि हिंदी भाषा में छंदोबद्ध काव्य की विशिष्ट पहचान माने जाते हैं। यह सत्य है कि बिना काव्य-ज्ञान के छंदोबद्ध काव्य में सृजन करना नहीं आता। छंद लेखन में सफलता प्राप्त करने के लिए किसी सुयोग्य गुरु की शरण में जाना ही पड़ता है, निरंतर अध्ययन करना पड़ता है। […]
दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन के द्वारा छंद के विद्वान आचार्य अनमोल की छंद विधान पर लिखी हुई पुस्तक “हिंदी छंद मंजूषा” का लोकार्पण हिंदी भवन नई, दिल्ली में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती इंदिरा मोहन ने की। कार्यक्रम में सारस्वत अतिथि के रूप में वैश्विक हिंदी परिवार के अध्यक्ष एवं हिंदी भाषा […]
आर्यावर्त की इस भूमि पर काव्य/साहित्य में छंदों का प्रयोग सदा से ही होता रहा है। प्रमाणित है कि छंदशास्त्र अत्यन्त प्राचीन है। सबसे पहले ‘संस्कृत छंदों’ के उदाहरण अपौरुषेय कहलाने वाले वेदों में मिलते हैं। संस्कृत में रचित वेद ‘वैदिक छंद’ में ही सृजित हैं। वेद के मंत्र छंदोबद्ध होते हैं। अतः छंदों […]
श्रमिक-साधना तेरी जय हो श्रमिक-साधना, सदा हृदय से गाऊँ मैं। अग्रदूत तू है ईश्वर का, तेरे गुण बतलाऊँ मैं।। राष्ट्रभक्ति के गुण को पाकर, किया नित्य अभिनव उपकार। नव निर्माण सृजनकर जग में, तूने चाँद लगाए चार। कष्ट भुलाए कर्म क्षेत्र के, ये कैसे बिसराऊँ मैं।। तेरी… सेवा कर्म सदा अपना के, जन-सेवक कहलाते हो। […]
टूट रहे संबंध भूल रहे हम अपनेपन का, घर वाला अनुबंध, स्वारथ में हम भरे हुए हैं, टूट रहे सम्बंध।। आपाधापी के कारण ही, छूट रहे सब काम। धन के मद में लगा हुआ है, मन में पूर्ण विराम। प्रेम भाव में सबके देखा, आपस में प्रतिबंध।। भूल… जीवन की बगिया में हम ही, लिखते […]
घर से दवाई लाने के लिए जाते समय मेरा दिमाग सड़ गया और अपने पर्चे की जगह, नौ महीने की गर्भवती पत्नी का पर्चा हाथ पड़ गया मुझे जुकाम खाँसी और पेट में दर्द हो रहा था इसलिए मैं चलते-चलते भी रो रहा था। डाॅक्टर के पास पहुँचकर ही मैंने अपने पेट के दर्द का […]