हिंदी है बिंदी भारत के भाल की।हिंदी भाषा आज करोड़ों लाल की।।🌷🌷आजादी की लड़ी लड़ाई,प्रबल एकता इससे पाई।सूर, बिहारी, तुलसी ने मिल,हिंदी की नित महिमा गाई।जगद्गुरू बन शान बढ़ाई,भारत भव्य विशाल की।।हिंदी भाषा…🌷🌷बैर हटाकर प्रेम प्रेम बढ़ाती,प्रबल एकता मंत्र सिखाती।राष्ट्रप्रेम की धुरी बनी ये,देश धर्म का ज्ञान कराती।भारत की गौरव-गाथा में,पैदा नई मिशाल की।।हिंदी […]
बोलो हिंदी माँ की जय जन-जन की मुखरित ये भाषा,माता रूप अभय।इसको शत-शत नमन करूँ मैं,होकर के निर्भय।।बोलो हिंदी माँ की जय।।🌸🌸रामचरित मानस में लिक्खे,तुलसी ने जो दोहे,पिता-पुत्र आदर्श बताकर,बीज प्यार के बोए।पवनचरित से भवबाधा का,हुआ दूर सब भय।।बोलो हिंदी माँ की जय।।🌸🌸राजनीति के हेर-फेर में,व्यर्थ में हिंदी पिसती,जनता सारी शोसित होकर,निशदिन चप्पल घिसती।कपट-कपाट नहीं […]
समर्पित अन्नाद् भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसम्भवः। यज्ञाद् भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्मसमुद्भवः।। – श्रीमद्भगवद्गीता ……….प्राणदायिनी रोटी को, जो जगत के प्राणियों को जीवन देती है। – आचार्य अनमोल भूमिका आचार्य अनमोल द्वारा लिखित काव्य की पुस्तक ‘रोटी की महिमा’ की पांडुलिपि को पढ़ने का मौका मिला। वास्तव में ये पुस्तक भले ही पृष्ठों में छोटी है लेकिन […]
श्रमिक-साधना तेरी जय हो श्रमिक-साधना, सदा हृदय से गाऊँ मैं। अग्रदूत तू है ईश्वर का, तेरे गुण बतलाऊँ मैं।। राष्ट्रभक्ति के गुण को पाकर, किया नित्य अभिनव उपकार। नव निर्माण सृजनकर जग में, तूने चाँद लगाए चार। कष्ट भुलाए कर्म क्षेत्र के, ये कैसे बिसराऊँ मैं।। तेरी… सेवा कर्म सदा अपना के, जन-सेवक कहलाते हो। […]
टूट रहे संबंध भूल रहे हम अपनेपन का, घर वाला अनुबंध, स्वारथ में हम भरे हुए हैं, टूट रहे सम्बंध।। आपाधापी के कारण ही, छूट रहे सब काम। धन के मद में लगा हुआ है, मन में पूर्ण विराम। प्रेम भाव में सबके देखा, आपस में प्रतिबंध।। भूल… जीवन की बगिया में हम ही, लिखते […]