जहाँ भी देखो, जिधर भी देखो, लंबे-चौड़े नेता छा गए। जनता को धोखा देने को, यारो फिर से चुनाव आ गए।। कपड़े पहने नए-नए फिर, नेता सबसे मिलने आए। चमचे जयकारे भी बोलें, भव्य मंच पर सभा सजाए। झूठ-साँच के भाषण द्वारा, नेता सबके भाग्य जगा गए।। जनता… हलचल बड़े घरों में देखी, चमक स्वार्थ […]
नशा जब आँख पर छाए, किसी की बात ना भाए। हृदय चुपचाप खो जाए, लड़कपन की निशानी है।। बिना पिए, बिना खाए, नशा हर वक्त हो जाए। खुमारी प्यार दर्शाए, लड़कपन की निशानी है।। जिसे माँ-बाप ना भाते, सभी दुश्मन नज़र आते। जिसे हैं फूल हर्षाते, लड़कपन की निशानी है।। नयन में नींद रहती हो, […]
समर्पित (यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवताः) उन सभी व्यक्तियों को जो पुत्र और कन्या मेंभेद नहीं करते। भूमिका कन्या के महत्त्व को बताने वाली आचार्य अनमोल द्वारा लिखित काव्य-कृति ‘भ्रूण हत्या और कन्या की पुकार’ की पांडुलिपि जब मैंने पढ़ी तो मेरा मन अजन्मा कन्या की हृदय-विदारक पुकार सुनकर गदगद हो गया, कंठ अवरुद्ध […]