सवैया छंद (22 से 26 अक्षर वाले सम वर्णिक छंद) सवैया चार चरणों का समपद वर्णिक छंद है। वर्णिक वृत्तों में 22 से 26 अक्षर के चार चरण वाले जाति छंदों को सामूहिक रूप से हिंदी में सवैया कहा जाता है। सवैये के मुख्य 14 प्रकार हैंः- 1 मदिरा, 2.मत्तगयंद, 3. सुमुखी, 4. दुर्मिल, […]
दोहा, चौपाई, कवित्त, कुंडलिया, मुक्तक आदि हिंदी भाषा में छंदोबद्ध काव्य की विशिष्ट पहचान माने जाते हैं। यह सत्य है कि बिना काव्य-ज्ञान के छंदोबद्ध काव्य में सृजन करना नहीं आता। छंद लेखन में सफलता प्राप्त करने के लिए किसी सुयोग्य गुरु की शरण में जाना ही पड़ता है, निरंतर अध्ययन करना पड़ता है। […]
आर्यावर्त की इस भूमि पर काव्य/साहित्य में छंदों का प्रयोग सदा से ही होता रहा है। प्रमाणित है कि छंदशास्त्र अत्यन्त प्राचीन है। सबसे पहले ‘संस्कृत छंदों’ के उदाहरण अपौरुषेय कहलाने वाले वेदों में मिलते हैं। संस्कृत में रचित वेद ‘वैदिक छंद’ में ही सृजित हैं। वेद के मंत्र छंदोबद्ध होते हैं। अतः छंदों […]